चित्र गूगल से साभार |
कहानी- जैसा की लोग पहले ही अनुमान लगा रहे थे कि फिल्म एक छोटी बच्ची पर बेस्ड है। कहानी शुरू होती है पाकिस्तान से। जहाँ मुन्नी (हर्षाली मल्होत्रा) अपने परिवार के साथ रहती है जो कि एक छह साल की बच्ची है। वो बोल नहीं सकती। बचपन से गूंगी है। इसी बात की चिंता उसके घर वालों को सताती है। उसकी अम्मी को कोई बताता है कि दिल्ली के दरगाह पर हर मन्नत पूरी हो जाती है। शाहिदा (हर्षाली को मुन्नी नाम भारत में बजरंगी देता है ) अपनी अम्मी के साथ दिल्ली के दरगाह पर आती है लेकिन वापस पाकिस्तान नहीं जा पाती और भटक जाती है। अपनों की तलाश में इधर-उधर भटक रही शाहिदा की मुलाकात नेक दिल इंसान पवन कुमार चतुर्वेदी उर्फ बजरंगी (सलमान खान) से होती है। पवन उर्फ़ बजरंगी कुमार निठ्ठला और भोंदू है साथ ही हनुमान जी का परम भक्त है। बजरंगी शाहिदा का नाम मुन्नी रखता है और उससे उसका पता पूछता है लेकिन वो बता नहीं पाती। बजरंगी उसे कई शहरों के नाम गिनता है लेकिन वह इनमें से किसी भी शहर की नहीं होती। इधर सलमान को रसिका से (करीना कपूर खान) से प्यार हो जाता है। दोनों की लव स्टोरी भी चलती रहती है। एक दिन भारत और पाकिस्तान के बीच चले रहे मैच में भारत के हरने पर मुन्नी जब नाचने लगती है तब बजरंगी को पता चलता है कि मुन्नी पाकिस्तानी है। अब बजरंगी का एक ही मकसद था, मुन्नी को उसके घर तक पहुंचाना। काफी कोशिशों के बाद जब बजरंगी को पाकिस्तान का वीजा नहीं मिलता तो वो बिना वीजा ही मुन्नी को लेकर पाकिस्तान चला जाता है। पाकिस्तान में उसकी मदद पाकिस्तानी पत्रकार (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) करता है। मुन्नी को उसके घर तक वो पाकिस्तानी पत्रकार लेकर जाता है। इस बीच सलमान को किन - किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बजरंगी कैसे उस छोटी सी बच्ची को उसके माता-पिता के हवाले करता है, बजरंगी वापस अपने देश आ भी पाता है कि नहीं। फिल्म इसी कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है।
एक्टिंग-सलमान खान अपने रोल में एकदम फिट बैठे हैं। सीधे-सादे पवन कुमार चतुर्वेदी के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है । नवाज एक बार फिर भी छा गए। नवाज हर एक सीन में जमे हैं। नवाज लाजवाब एक्टर हैं और इस फिल्म में भी उन्होंने ये साबित कर दिया। करीना कपूर खान ने एक स्कूल टीचर की भूमिका हैं. उनके लिए फिल्म में बहुत ज्यादा कुछ है नहीं लेकिन फिल्म में उनकी खूबसूरती देखने लायक है। अब आते हैं फिल्म की सबसे खूबसूरत कैरेक्टर पर। हम बात कर रहे हैं मुन्नी यानि हर्षाली मल्होत्रा का। मात्र छह साल की उम्र में हर्षाली ने मूक कैरेक्टर में जान फूंक दी। हर्षाली की मासूम आँखे और सुन्दर चेहरा आप भूल नहीं पाएंगे।
म्यूजिक- फिल्म का प्रीतम चक्रवर्ती और कोयल श्याम ने दिया है। 'सेल्फी ले ले रे', 'भर दे झोली', 'आज
की पार्टी मेरी तरफ से', तू चाहिए' जैसे गाने पहले से ही लोगों की जुबान पर
हैं। फिर भी सलमान की पिछली फिल्मों की तरह बजरंगी भाई जान का संगीत थोड़ा
कमजोर है।
देखें की नहीं -आप कुछ नया देखना चाहते हैं तो बजरंगी भाई जान जरूर देखें। पहली
बार भारत की किसी फिल्म के माध्यम से आपको पाकिस्तान की अच्छी छवि देखने को
मिलेगी। इसके अलावा आप करीना और नवाजुद्दीन सिद्दिकी की एक्टिंग के लिए
फिल्म देख सकते हैं। सलमान के फैन तो ये देखेंगे ही। इसके अलावा हर्षाली
मल्होत्रा की क्यूटनेस और खूबसूरत अदाकारी
के लिए भी फिल्म देखी जा सकती है। कुल मिलकर फिल्म अच्छे सन्देश के साथ
आपका मनोरंजन भी करेगी।रेटिंग- 3 .5/5
सुन्दर समीक्षा ......... देखने लायक बोले तो :)
जवाब देंहटाएंNice Reviews Mithilesh!!! Keep posting and also add Hollywood movies review on your blog...
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